कक्षा – 3, हिंदी, पाठ – 7 – टिपटिपवा ( Class-3rd Chapter-7- ‘Tiptipawa’ Worksheet )
पाठ – टिपटिपवा, कक्षा – 3 , NCERT एवं CBSE द्वारा अनुमोदित पाठ्य पुस्तक में रिमझिम का सप्तम् पाठ है। प्रस्तुत है- पाठ पर आधारित Worksheet और कुछ वर्कशीट को हल करते समय स्मरण रखने वाली जानकारियां। जो आपके बच्चों को बेहतर व नए तरीके से पाठ को समझने में मदद करेंगी। वर्कशीट का प्रयोग करने से पहले इस लेख को ध्यान से पढ़ें। अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाकर विषयवस्तु का अध्ययन कर सकते हैं।
पाठ का उद्देश्य (Objectives of Tiptipawa ) –
टिपटिपवा, पाठ के निम्न उद्देश्य हो सकते हैं –
मातृभाषा का प्रयोग कर बच्चे में आत्मविश्वास जगाना।
लोककथाओं के प्रयोग से देश की संस्कृति की पहचान कराना।
स्थानीय भाषाओं का प्रयोग कर भाषा का विकास करना।
बच्चों में कल्पनाशीलता का विकास करना।
तर्क करना, विश्लेषण करना, अनुमान लगाना की क्षमता का विकास करना।
शब्द भंडार को बढ़ाना
अभिव्यक्ति को स्थान देना
आनंद और मनोरंजन का भाव विकसित करना।
पाठ का सारांश (Summery of Tiptipawa ) –
पाठ – टिपटिपवा, उत्तर प्रदेश की एक लोककथा है। जो कि गिरिजा रानी अस्थाना द्वारा रिमझिम में संकलित की गई है।
इसमें एक पोता अपनी दादी से रात को कहानी सुनाने को कहता है। आज क्योंकी मूसलाधार बारिश हो रही थी। सारा घर पानी की बूंदे आने से टिप-टिप कर रहा था। इसलिए दादी परेशान होकर कहती है, कि बेटा कहानी क्या सुनाउँ पहले इस टिपटिपवा से तो बचे। तो बच्चा बोल पड़ा -दादी ये टिपटिपवा कौन है? क्या यह शेर, बाघ से भी बड़ा होता है। तो दादी बोली- हाँ बेटा किसी बात का डर नहीं है, डर है तो टिपटिपवा का। अर्थात बारिश का।
दादी की बात को, उनकी झोपड़ी के पीछे छिपे बाघ ने सुन लिया। अब वह घबरा जाता है, कि मुझ से बड़ा भी कोई जानवर है। जिससे सब डरते हैं। वह वहाँ से भाग जाता है, और दूर गदेरे में घास में छुप जाता है। उसी गाँव में एक धोबी रहता था। वह भी बारिश से परेशान हो जाता है। उसका गधा सुबह से ही गायब रहता है। वह उसे ढूँढ-ढूँढकर और परेशान हो जाता है। उसकी पत्नी उसे गाँव के पंडित के पास भेजती है।
वह वहाँ जाकर पंडित जी से पोथी पढ़कर गधे का पता बताने को कहता है। पंडित जी भी बारिश के पानी को फेंकते – फेंकते परेशान हो जाते हैं। वह झल्लाकर बोलते हैं- क्या तेरा गधा ही रह गया मेरे पोथी में पता बताने को। जा किसी गढ़ई-पोखर में ढूँढ।
धोबी गधा ढूँढते-ढूँढते वहीं पहुँच जाता है, जहाँ बाघ छुपा रहता है। वह उसे अंधेरे में गधा समझता है। और उस पर लट्ठे बरसाता है। बाघ सोचता है कि शायद टिपटिपवा ने उसे ढूँढ ही लिया। अब उसका कहना उसे चुपचाप मानना पड़ेगा। धोबी बाघ का कान खींचता हुआ घर ले आता है और खूँटे से बाँध देता है। सुबह जब सारे गाँव वाले धोबी के घर बाघ बँधा देखते हैं तो हैरान हो जाते हैं।
वर्कशीट के बारे में ( About Worksheet of Tiptipawa) –
कक्षा 3 का पाठ -7, टिपटिपवा, वर्कशीट की शुरूआत पाठ के अध्ययन के पश्चात बच्चों को प्राप्त जानकारी के आधार पर क्रियाकलाप 1 में कुछ बहुविकल्पी प्रश्न दिए गए हैं। जिन पर सही विकल्प पर सही का निशान लगाना है।
उसके पश्चात क्रियाकलाप 2 पाठ से कुछ अधूरे वाक्य लिखे गए हैं जिन्हें बच्चों को पूरा करना है। यह उन्हें छाँटकर, ढूँढने वाली गतिविधि में भी मदद करेगी। यह कार्य गृहकार्य के रूप में भी दिया जा सकता है।
क्रियाकलाप 3 में किताब में दिए हुए संवाद किसने कहा को पूछा गया है। जिसमें कुछ दादी, पोते, धोबी, धोबी की पत्नी या पंडित जी के कहे संवाद हैं।
क्रियाकलाप 4 में कुछ लघु उत्तरीय प्रश्न दिए गए हैं। जो कि कक्षा 3 के लिए एक वाक्य वाले हो सकते हैं। यह बच्चे के पाठ पर ज्ञान को स्थायी बनाने में मदद करेगा।
क्रियाकलाप 5 में पाठ टिपटिपवा में आए कुछ शब्दों का अर्थ लिखना है।
क्रियाकलाप 6 में बच्चे को अपने व्यक्तिगत अनुभवों को जगह देने के लिए उनसे पसंदीदा कहानी का नाम व नायक पूछा गया है। साथ ही कहानी सुनाने वाले का नाम भी बताना है।
क्रियाकलाप 7 में पुस्तक रिमझिम में भी आई कुछ आवाजों पर ध्वनि को अक्षरों में पहचानने की गतिविधि है। जिसे वर्कशीट में भी शामिल किया गया है। पाठ टिपटिपवा शीर्षक भी बारिश की बूंदें जब झोपड़ी से नीचे टिप टिप करती है, से लिया गया है। अतः अलग-अलग आवाजें किस प्रकार शब्दों में पिरोयी जा सकती है। इस पर समझ विकसित करना आवश्यक है।
क्रियाकलाप 8 में पाठ में कहानी के पात्र बाघ और गधा जो कि कहानी को मजेदार बनाते हैं, के चित्र दिए गए हैं। जिन पर रंग भरना है।
क्रियाकलाप 9 में बच्चों के अवलोकन व कल्पनाशीलता को जगह देने वाली गतिविधि है। जिसमें धोबी, बाघ को गधा समझकर ले आया था। आखिर क्या कारण थे कि वह पहचान न पाया। या बाघ व गधे में ऐसी क्या समानता होती है? कि धोबी को बाघ गधे जैंसा लगा।
क्रियाकलाप 10 में क्रियाकलाप 9 को आगे बढ़ाते हुए बाघ व गधे में क्या-क्या अंतर बच्चे पहचानते हैं के बारे में गतिविधि दी गई है।
क्रियाकलाप 11 में पाठ में आए कुछ स्थानीय भाषाओं के संवादों को बच्चे अपने स्थानीय परिवेश की भाषा में किस प्रकार कहेंगे ? का अभ्यास करवाया जा रहा है। यह पुस्तक रिमझिम में दी गई गतिविधि की तरह ही है।
क्रियाकलाप 12 में पाठ टिपटिपवा में मूसलाधार बारिश से कौन-कौन परेशान थे ? के नाम देने हैं। जैंसे – दादी, बाघ, धोबी, गाँव वाले, पंडित जी ।
क्रियाकलाप 13 में पुस्तक आधारित बच्चों को एकवचन से बहुवचन बनाने की गतिविधि दी गई है।
क्रियाकलाप 14 में बच्चों में रचनात्मक कल्पनाशीलता के विकास के लिए चित्र बनाने की गतिविधि दी हुई है। जिसमें उन्हें टिपटिपवा कैंसा हो सकता है का चित्र बनाना है।
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पाठ से संबंधित अन्य उपयोगी संसाधन –
नीचे कुछ लिंक दिए जा रहे हैं। जिनके द्वारा आप NCERT की पुस्तक और पाठ ‘टिपटिपवा’ को डाउनलोड भी कर सकते हैं। जो आपको पाठ को और विस्तार से समझने में मदद करेंगे।
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