‘ऋ’ की मात्रा के शब्द- (‘Ri’ ki matra ke Shabd, vakya, Worksheet)
‘ऋ’ हिंदी वर्णमाला का सातवाँ स्वर है। यह ह्रस्व स्वर होता है। इसका उच्चारण करते समय कम समय लगता है। ‘ऋ’ की मात्रा व्यंजनों के नीचे से दाएं ओर घूमती वक्र रेखा ( ) होती है। ‘ऋ ‘ की मात्रा की बनावट और उच्चारण का पर्याप्त अभ्यास सीखने वाले को करवाना आवश्यक है। क्योंकि यह न केवल ‘ऋ’ की मात्रा की मात्रा का ज्ञान करवाता है, बल्कि ‘उ ‘ और ‘ऊ’ की मात्रा से विभेद करने में मदद करता है।
‘ऋ’ की मात्रा का उच्चारण ‘रि’ की तरह होता है। यह संस्कृत भाषा से आए शब्दों में अधिक प्रयोग किया जाता है। ‘ऋ’ की मात्रा का प्रयोग करते समय मात्रा को स्पष्ठ दिखाना उचित रहता है, जिससे बच्चे में मात्रा की आकृति स्पष्ठ हो सके। उचित होगा कि लिखते समय उच्चारण भी करवाया जाए। लेकिन लिखने से पहले पहचान पर कार्य करवाना चाहिए।
‘ऋ’ की मात्रा के वाले शब्द (Ri ki Matra ke Useful words)
‘ऋ ‘ की मात्रा के बाल मैत्री शब्द जो की परिवेश में अधिक और भौतिक रूप में विद्यमान हैं-
'ऋ' की मात्रा वाले शब्द useful and child friendly
गृह
वृक्ष
ऋण
तृण
नृप
मृग
वृष
दृढ़
घृत
मृत
कृत
भृत
दृश्य
तृप्त
नृत्य
वृत्त
कृपा
मृदा
तृषा
दृषा
वृथा
घृणा
तृष्णा
कृष्णा
भातृ
मातृ
कृषि
कृमि
कृति
ऋषि
वृष्टि
सृष्टि
दृष्टि
पृथ्वी
मृत्यु
मृदु
भृगु
ऋषभ
कृषक
श्रृंखला
श्रृंगार
हृदय
कृतज्ञ
कृपालु
कृपाण
कृतघ्न
कृपया
पृथक
शृगाल
सृजन
मृतक
वृतांत
तृतीय
अमृत
मृदुल
कृत्रिम
भृकुटी
गृहणी
संस्कृत
संस्कृति
पुरस्कृत
मृणालिनी
वृक्षावली
कृष्णकांत
ऋषिकुल
ऋषिकेश
घृतकुमारी
कृति
नृत्य
‘ऋ’ की मात्रा के शब्द वाले वाक्य – (Ri ki Matra ke Vakya )
शब्द’ अपने आप में अर्थ रखते हैं, लेकिन भाषा में वाक्य द्वारा शब्दों का अर्थ बहुत जल्दी स्पष्ट हो जाता है। अतः वाक्य द्वारा भी बच्चों को मात्राओं का ज्ञान करवाना चाहिए। उदाहरण के लिए यदि हम केवल ‘वृक्ष’ कहते हैं तो यह शब्द उसके लिए ज्यादा प्रभावी न होगा। जितना की – वृक्ष से हमें छाँव मिलती है। आपके आस-पास कौन-कौन से वृक्ष हैं? इससे वाक्यों और शब्दों की मात्राओं पर सार्थक बातचीत करते व प्रश्न करते बच्चों को देखा जा सकता है। ‘ऋ’ की मात्रा के कुछ वाक्य निम्न प्रकार से हैं-
1. ऋषभ को वसंत ऋतु पसंद है। 2. मृदुल वाणी अमृत के समान है। 3. रितिक ने सुंदर कलाकृति बनाई। 4. कृत्रिम फूलों से सुगंध नहीं आती। 5. वह संस्कृत वाचन में तृतीय आया। 6. कृषक कृषि कर अनाज है। 7. वृक्षों पर चिड़ियां चहचहाती हैं। 8. मीरा का हृदय कृपालु है। 9. हमारी पृथ्वी हमें अन्न देती है। 10. पहाड़ों पर वृक्षों की वृक्षावली है। 11. मृदा में कई प्रकार की कृमि होती हैं। 12. कृपया वृक्ष ना काटें। 13. वह अमृत समान जल पीकर तृप्त हुआ। 14. कृष्णा, नृत्य सीख रही है। 15. सृष्टि में सभी जीवों को जीवन का अधिकार है। 16. ऋतु ने एक वृत्त बनाया। 17. ऋतिन का वृतांत सुनकर दया आयी। 18. बाज की दृष्टि मृग पर पड़ी। 19. कृपा कर के हमें घृत दे दीजिए। 20. सृष्टि, श्रृंगार में लगी थी।
अत्यधिक शब्दों की जानकारियों से व उनके लिखने से बच्चों को अधिक समय और अतिरिक्त बोझ महसूस होगा। अतः केवल जरूरी शब्दों पर ही कार्य करवाना उचित रहता है। जिससे बच्चे मात्रा की सरंचना और उसका उपयोग कर पाने में सक्षम हो जाएं।
‘ऋ’ की मात्रा के आधिक्य वाली कहानी- ( Ri ki Matra ki Story)
किसी जंगल में एक ऋषि मुनि रहते थे। वह एक वृक्ष के नीचे तप किया करते थे। वह उदार हृदय और दूर दृष्टि रखते थे। एक बार उनके जंगल में एक मृग जाल में फंस गया। जाल कृषक का था। कृषक, कृपाण लेकर मृग को लेने आया। ऋषि को बड़ा क्रोध आया। फिर भी वह कृषक से मृदु स्वर में बोले- कृपा कर के मृग को छोड़ दें। मृग हमारे जंगल की शान हैं। हर जीवित प्राणी को पृथ्वी में जीने का अधिकार है। कृषक को ऋषि की बात समझ आ गई। कृषक ने दृढ़ निश्चय किया कि फिर वह कभी किसी प्राणी को हानि न पहुँचाएगा।
‘ऋ’ की मात्रा की वर्कशीट ( Ri ki Matra ki Worksheet)
• ‘ऋ’ की मात्रा की पहचान तथा उच्चारण के लिए प्रयुक्त स्थान • ‘ऋ’ की मात्रा लगाना, • ‘ऋ’ की मात्रा के शब्द बनाना, • ‘ऋ’ की मात्रा वाले तुकांत शब्द बनाना, • ‘ऋ’ की मात्रा की शब्द पहेली, • ‘ऋ’ की मात्रा के शब्दों को छांटना, • ‘ऋ’ की मात्रा वाले शब्दों के नाम चित्र देखकर लिखना , • ‘ऋ’ की मात्रा के वाक्य, • ‘ऋ’ की मात्रा की कहानी और उस पर संभावित प्रश्न उत्तर, • सभी शीट पर रंग भरने कार्य • ‘ऋ’ की मात्रा की वर्क शीट में कुछ जगह पर खाली जगह छोड़ दी गई है, जिसे अध्यापक औऱ अभिभावक प्रश्न बदलकर अपने सामने वास्तविक स्थिति के अनुसार मूल्यांकन कर सकते हैं।
Worksheet में परिवेश में उपलब्ध कुछ आसान शब्दों पर बार – बार अलग तरीके से जोर दिया गया है। जो की मात्रा के प्रयोग और उच्चारण का अधिक अवसर प्रदान करता है। कुछ शब्दों की सरंचना से बच्चा मिलते जुलते अधिक शब्दों का निर्माण करने का प्रयास करेगा।
शिक्षक व अभिभावकों से अपेक्षा है, कि वर्कशीट को हल करने में अपना सार्थक सहयोग दें। ताकि बच्चा जल्द से जल्द ‘ऋ’ की मात्रा में निपुण हो जाए। हमारे प्रयास आपके अनुभवों से और बेहतर हो जाते हैं। अतः अपने comments जरूर दीजिएगा। यह हमें रचनात्मक और उत्साहित बनाए रखने में मदद करता है। Facebook, Instagram, pinterest और Twitter पर हमें follow कीजिएगा।