’अं’ की मात्रा के शब्द (An ki matra ke Shabd, vakya, Worksheet )-
मात्रा ज्ञान की श्रृंखला में प्रस्तुत है – ’अं’ की मात्रा। जहां आपको मिलेगा – ’अं’ की मात्रा के ढेर सारे शब्द, ’अं’ की मात्रा के वाक्य और ’अं’की मात्रा की वर्कशीट। जिसे आप PDF में Download करके अपने बच्चों के साथ आसानी से प्रयोग कर सकते हो।
’अं’ हिंदी वर्णमाला की बाहरवीं मात्रा है। यह स्वरों की श्रेणी में नहीं आता है। यह अनुनासिक ध्वनि वाला होता है। अर्थात इनका उच्चारण करते समय हवा मुँह के साथ नाक से भी निकलती है। इसकी मात्रा व्यंजनों के ऊपर बिंदी लगाकर किया जाता है।
’अं’ की मात्रा का प्रयोग बच्चों में उदाहरण देकर व स्पष्ट उच्चारण करवाकर किया जाना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि वह मात्रा को लगाने में सक्षम हो सके। वह अपने शब्दों में ’अं’ की मात्रा को पहचान सके। साथ ही ’अं’ की मात्रा के शब्दों का प्रयोग भी कर सके। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर ’अं’ की मात्रा की वर्कशीट तैयार की गई है।
’अं’ की मात्रा के शब्द ( An ki Matra ke Shabd ) –
बच्चों के दैनिक जीवन में ’अं’ की मात्रा के प्रचुर शब्द प्रयोग होते रहते हैं। उन्हीं शब्दों को आधार बनाकर कुछ प्रचलित व सरल शब्द यहाँ पर दिए जा रहे हैं। इनमें से बहुत तुकांत शब्दों का प्रयोग वर्कशीट में भी किया गया है। जिससे बच्चा एक जैंसे ध्वनि वाले शब्दों का आसानी से उच्चारण करना सीख जाए।
'An' ’अं’ ki matra ke Shabd useful and child friendly
अंक | जंक | डंक |
रंक | अंग | जंग |
तंग | भंग | रंग |
संग | कंद | चंद |
छंद | बंद | अंत |
संत | पंत | पंख |
शंख | रंज | कंठ |
छंट | बंट | पंथ |
गंध | बंध | खंड |
ठंड | मंत्र | तंत्र |
यंत्र | अंडा | डंडा |
ठंडा | झंडा | घंटा |
गांठ | मांग | भांग |
गांव | चींटी | खूंटा |
चोंच | कंधा | धंधा |
लंबा | खंभा | गंदा |
चंदा | फंदा | बंदा |
मंदा | गंगा | पंगा |
चंगा | नंगा | दंगा |
लंका | शंका | डंका |
चंपा | पंखा | कांच |
सांच | बांच | आंच |
आंत | सांप | पंजा |
गंजा | मंडी | डंडी |
कंडी | मंत्री | नींबू |
चिंता | घंटी | कंचन |
चंचल | चंपक | संकट |
पलंग | बंदर | अंदर |
पतंग | चंदन | वंदन |
बंधन | मंगल | दंगल |
जंगल | कंकड़ | शंकर |
अंतर | मंतर | जंतर |
चंदर | मंजर | खंजर |
सुरंग | महंगा | लहंगा |
अंगार | भंगार | आनंद |
संतरा | पंचांग | संसार |
पंजाब | भंडार | अंजना |
तिरंगा | अंतिम | अंजलि |
मंदिर | शिकंजी | पंडित |
नारंगी | सुंदर | अंगूर |
लंगूर | संदूक | बंदूक |
संदेश | केंचुआ | आंकड़ा |
सरपंच | गंगाराम | गंगाधर |
गंगाजल | घंटाघर | शिवलिंग |
संस्कार | इंतजार | चंदामामा |
मंगलवार | मंजर | आनंद |
’अं’ की मात्रा के वाक्य ( An ki Matra ke Vakya ) –
शब्द बेशक अपने आप में अर्थ रखते हैं। लेकिन फिर भी उनका प्रयोग परिस्थिति जगह व समय के अनुसार हो सकता है। अतः आवश्यक है कि बच्चे को शब्दों के साथ वाक्यों का भी परिचय किया जाना चाहिए। यह छोटे बच्चों के लिखने के लिए भले ना हो किंतु उसकी भाषा व शब्दों पर पकड़ बनाने के लिए जरूरी है। जैंसे – यदि एक शब्द ’पतंग’ है। यह शब्द केवल एक वस्तु को इंगित करता है। लेकिन उसकी जगह पर यदि इस शब्द को वाक्य में प्रस्तुत किया गया। जैंसे – मेरी पतंग का रंग लाल है। तो इस भावार्थ से उसके मन में कई विचार उत्पन्न हो सकते हैं। जैंसे- मेरी पतंग का रंग क्या होगा ? पतंग कहां उड़ा सकते हैं ? आदि। प्रस्तुत हैं ’अं’ की मात्रा के बीस वाक्य –
लंगूर ने अंगूर तोड़े।
बंदर घर के अंदर आया।
पंडित जी मंदिर गए।
कंचन ने कंगन पहना।
मंदिर में शंख बज रहे थे।
घंटाघर से घंटी की आवाज आयी।
गुनगुन जंतर मंतर देखने गई।
पंखा पलंग के सामने रख।
सैनिकों ने तिरंगा झंडा लहराया।
मेंढक की टर-टर ने तंग कर दिया।
हंस उड़कर गंगा किनारे आया।
कंघी लगाकर सुंदर दिख।
ठंड से अंग-अंग कांप गया।
मेंढक पलंग के नीचे छुपा था।
मंडी से मछली की गंध आ रही थी।
तोते के पंख हरे रंग के थे।
चोर ने संदूक से बंदूक निकाली।
अंजलि का लहंगा बड़ा महंगा है।
सरपंच गांव में दंगल देखने आए।
आनंद गंगा से गंगाजल लाया।
’अं’ की मात्रा की कहानी ( An Ki Matra Ki Kahaani ) –
बच्चों को कहानी व कविताओं से विशेष लगाव होता है। क्योंकी यह एक घटनाचक्र का पूरा विवरण देते हैं, और उनकी कल्पनाओं को पंख देते हैं। अतः कोशिश की गई है कि एक ’अं’ की मात्रा की आधिक्य वाली कहानी भी बच्चों को सिखने में आनंद दे सके। जिससे बच्चे उसे सुनकर व पढ़कर ’अं’ की मात्रा का उच्चारण सही से कर पाए।
शंकर अपने गांव आया। वह अपने बड़े भाई चंदन के साथ मंदिर गया। मंदिर गंगा नदी के किनारे था। मंदिर में शंख और घंटे बज रहे थे। मंदिर के ऊपर झंडा फहरा रहा था। पंडित जी ने उन्हें तिलक लगाया। मंदिर के बाहर फल और नींबू शिकंजी की दुकानें सजी थी। शंकर ने संतरे और अंगूर लिए। तभी एक बंदर ने शंकर के संतरे छीन लिए। एक लंगूर का बच्चा भी उन्हें दूर से तक रहा था। शंकर ने लंगूर को भी अंगूर दे दिए। वह छुप कर अंगूर खाने लगा। शंकर और चंदर जल्द ही गांव लौट आए।
’अं’ की मात्रा की वर्कशीट के बारे में ( About An ki Matra ki Worksheet) –
’अं’ की मात्रा की वर्कशीट में निम्न बातों का समावेश किया गया है-
’अं’ की मात्रा के शब्दों का परिचय चित्रों के साथ
’अं’ की मात्रा के अन्य आसान व तुकांत शब्द
’अं’ की मात्रा को लगाने का अभ्यास
’अं’ की मात्रा पहचान कर अलग करना या छाँटना
दिए गए चित्रों के सही नाम पहचानना
चित्रों का सही नाम के साथ मिलान करना
चित्रों के नाम वर्ग पहेली में ढूँढना
’अं’ की मात्रा के शब्द बनाना
चित्रों को पूरा करना व रंग भरना
चित्र देखकर उनके नाम लिखना
तुकांत शब्दों का निर्माण करना
कहानी को सुनकर व पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखना
शब्दों का वाक्य में प्रयोग करना
नए प्रश्नों को जोड़ने के लिए जगह दी गई है। जहाँ पर अध्यापक और अभिभावक अपनी सुविधा अनुसार अलग-अलग प्रश्न दे सकते हैं।
समस्त वर्कशीट में रंग भरने की प्रर्याप्त जगह दी गई है। जिस पर बच्चे अपने पसंद के रंग भर सकते हैं।
Download PDF here part-1
Download PDF here part-2
वर्कशीट में परिवेश में उपलब्ध कुछ आसान शब्दों पर बार-बार प्रयोग किया गया है। जो कि मात्रा के प्रयोग व उच्चारण को अधिक अवसर प्रदान करेगा। केवल कुछ कहानी, वाक्य, व शब्दों का प्रयोग कर बच्चा मात्रा ज्ञान में निपुण हो जाएगा। व अपने परिवेश में प्रयोग होने वाले अन्य शब्दों में ’अं’ की मात्रा की पहचान कर पाएगा।
शिक्षकों व अभिभावकों से अपेक्षा है कि वह वर्कशीट को हल करने में अपना सार्थक समय बच्चों को दें। क्योंकी बच्चों की परिवेशीय जानकारी व उपलब्धता आपसे बेहतर कोई नहीं जानता। उनसे पर्याप्त बातचीत करें व उनके पूर्व अनुभव में नया जोड़ने की कोशिश किजिएगा।
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