‘आ’ की मात्रा के शब्द- (Aa ki matra ke Shabd )
‘आ’ की मात्रा हिन्दी व्याकरण की दूसरी मात्रा है। इस मात्रा की पहचान के लिए विशेष चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। आ की मात्रा (ा ) एक सीधी खड़ी रेखा होती है। यह दीर्घ स्वर है, अतः किसी भी व्यंजन के पीछे लगाने से ध्वनि लंबी हो जाती है। आ की मात्रा की शब्दावली विस्तृत है, और भौतिक रूप से वस्तुओं के नाम – आम, बाल, दाल, जाल, रिश्तों के नाम- जैसे पापा, चाचा, दादा, मामा आदि आसानी से उनके परिवेश में उपलब्ध होते हैं। इसलिए बच्चे इन्हें सीखने में रुचि लेते हैं और जल्दी सीख जाते हैं।
उद्देश्य (Objective)-
• विद्यार्थी आ की मात्रा के शब्दों की पहचान कर सकने में सक्षम होंगे।
• विद्यार्थी आ की मात्रा लिखने और उसका उच्चारण करने में सक्षम होगें।
• विद्यार्थी आ की मात्रा के लगाकर शब्द निर्माण करने में सक्षम होगें।
• विद्यार्थी आ की मात्रा के शब्दों को पढ़ सकेंगे व उनका वाक्य प्रयोग करने में सक्षम होगें।
पूर्वज्ञान (Pre knowledge)-
👉 पूर्वज्ञान (Pre knowledge)- किसी भी विषय का वह क्रमिक शैली है, जिससे बच्चा जल्दी और स्थायी रूप से सीखता है। यह जरूरी है, लेकिन आवश्यक नहीं।
• विद्यार्थीओं को अक्षर पहचान और वर्णमाला लिखने में सक्षम होना चाहिए।
• विद्यार्थीयों को अमात्रिक शब्दों को पढ़ना व लिखना आना चाहिए।
सारांश ( Summary)-
आ की मात्रा के शब्दों का उच्चारण बच्चा बाल्यावस्था से ही करना शुरू कर देता है। जैंसे – पापा, दादा, बाबा, मामा, आदि। जैसे की पहले बताया गया है कि आ की मात्रा के शब्द अपनी उपलब्धता की वजह से अधिक प्रयोग किए जाते हैं। साथ ही इसकी मात्रा भी सीधी सरल होती है। थोड़े से अभ्यास और सहयोग से बच्चे जल्द ही आ की मात्रा को पढ़ने और लिखने में निपुण हो जाते हैं। लेकिन अ तथा आ की मात्रा के बीच जो ध्वनि परिवर्तन होता है उसका अभ्यास बच्चों से अवश्य रूप से करवाना चाहिए। क्योंकि अलग – अलग बोलियों में कई बार कुछ शब्दों में आ की मात्रा गलत तरीके से प्रयुक्त होती हैं। उदाहरण के लिए ‘बाजार’ शब्द हमारे उत्तर भारत में कई जगह ‘बजार’ शब्द की तरह बोला जाता है।
वर्कशीट के बारे में ( About worksheet)-
आ की मात्रा की वर्कशीट में सबसे पहले शब्दों का परिचय दिया गया है, जिनका उचित उच्चारण कर पढ़ने का अभ्यास करना है। तत्पश्चात आ की मात्रा को लगाना और उच्चारण का अभ्यास के लिए शीट दी गई है। चित्रों से मिलान करने के लिए, सही शब्द छाँटना, आ की मात्रा के शब्द ढूंढना आ की मात्रा लगाकर नए शब्दों का निर्माण करना, चित्रों के नाम लिखना, आदि का प्रयोग किया गया है।
वर्कशीट के अंत में पढ़ने के लिए चित्र समेत छोटा paragraph दिया गया है। जिसे पढ़ाने का अभ्यास करवाना है। इस paragraph पर आधारित प्रश्न उत्तर भी दिए गए हैं। कई जगह पर प्रश्नों में विकल्प खाली रखे गए हैं, जो कि शिक्षक और अभिभावक अपनी सुविधा अनुसार या बच्चे के सीखने के स्तर अनुसार बदल कर दे सकते हैं। इस तरह से वर्क शीट को अधिक बार प्रयोग में भी लायी जा सकती है।
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मुख्य बिंदु ( Key Features) –
आ की मात्रा के शब्दों की पहचान, पढ़ना, लिखना व प्रयोग। मिलान, निर्माण, तुकांत शब्द, शब्दों को छाँटना, रंग भरना।
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क्रियाविधि ( Activities) –
आ की मात्रा पाठ को करवाते समय Flashcards का प्रयोग व वास्तविक वस्तुओं का उचित रहता है। आ की मात्रा के शब्दों की अधिकता वाली कविता, कहानियाँ उपयोगी रहती है। इससे बच्चे शब्दों का उच्चारण और अर्थ आसानी से ग्रहण कर लेते हैं। अधिक से अधिक रुचि पूर्ण कहानी की पुस्तकें शब्दों के भंडार को समृद्ध करने में सहायक होती है। और बच्चों को स्व- अध्ययन के लिए भी प्रेरित करती हैं।
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