‘उ’ की मात्रा वाले शब्द (‘U’ ki matra ke Shabd, vakya, Worksheet)
‘उ’ हिंदी वर्णमाला का पांचवा स्वर है। यह ह्रस्व स्वर होता है। इसका उच्चारण करते समय कम समय लगता है। ‘उ’ की मात्रा व्यंजनों के नीचे से बाएं ओर घूमती वक्र रेखा ( ु) होती है। ‘उ ‘ की मात्रा की बनावट और उच्चारण का पर्याप्त अभ्यास सीखने वाले को करवाना आवश्यक है। क्योंकि यह न केवल ‘उ ‘ की मात्रा की मात्रा का ज्ञान करवाता है, बल्कि ‘ऊ ‘ की मात्रा (बड़े ऊ) की मात्रा से विभेद करने में मदद करता है। ‘उ ‘ की मात्रा का प्रयोग करते समय मात्रा को रंगीन पेन से दिखाना उचित रहता है, जिससे बच्चे में मात्रा की आकृति स्पष्ठ हो सके। उचित होगा कि लिखते समय उच्चारण भी करवाया जाए। लेकिन लिखने से पहले पहचान पर कार्य करवाना चाहिए।
‘उ’ की मात्रा के शब्द
‘उ ‘ की मात्रा के बाल मैत्री शब्द जो की परिवेश में अधिक और भौतिक रूप में विद्यमान हैं-
'उ' की मात्रा वाले शब्द useful and child friendly
सुख | मुख | मधु |
वधु | बुन | सुन |
धुन | चुन | तुम |
गुम | दुम | धुल |
खुल | पुल | गुड़ |
मुड़ | जुड़ | रुक |
सुई | रुई | चुप |
छुप | धुला | घुला |
भुला | जुड़ा | मुड़ा |
छुपा | मुकुट | मधुर |
सुनार | सुधार | लुहार |
पुजारी | पुकार | चतुर |
सुमन | रुमाल | रुपया |
साबुन | गुड़िया | कछुआ |
गुलाब | चुहिया | सुराही |
बगुला | झुमका | चुनरी |
जामुन | धनुष | मुरली |
बटुआ | जुराब | कुटिया |
तुलसी | घुटना | सुपारी |
दुकान | बुलबुल | रुनझुन |
गुमसुम | कुमकुम | गुनगुन |
गुनगुना | छुक-छुक | छुई-मुई |
सुहावनी | लुभावनी | सुहागन |
फुलवारी | हनुमान | गुनगुन |
‘उ’ की मात्रा के शब्दों तक ही सीमित नहीं होना चाहिए । क्योंकि बच्चे वाक्य का शाब्दिक अर्थ को अच्छी तरह ग्रहण कर पाते हैं । उदाहरण के लिए यदि हम केवल ‘रुमाल’ कहते हैं तो यह शब्द उसके लिए ज्यादा प्रभावी न होगा। जितना कि- मैं रुमाल से पसीना पोंछ रहा हूँ। आप रुमाल से और क्या- क्या करते हो? रुमाल पर बहुत वाक्य बनाकर प्रस्तुत किए जा सकते हैं। इससे शब्द और इसकी मात्राओं पर सार्थक बातचीत करते व प्रश्न करते बच्चों को देखा जा सकता है।
अत्यधिक शब्दों की जानकारियों से व उनके लिखने से बच्चों को अधिक समय और अतिरिक्त बोझ महसूस होगा। अतः केवल जरूरी शब्दों पर ही कार्य करवाना उचित रहता है। जिससे बच्चे मात्रा की सरंचना और उसका उपयोग कर पाने में सक्षम हो जाएं।
‘उ’ की मात्रा के शब्द वाले वाक्य –
1. सुनार ने झुमका बनाया।
2. पुजारी जी सुपारी व रुई लाए।
3. चुनरी को साबुन से धुल।
4. बटुआ में रुपया रख।
5. बुलबुल जामुन खा रही थी।
6. रेलगाड़ी पुल के ऊपर से छुक-छुक करती गुज़री।
7. गुड़िया का घुटना मुड़ गया।
8. सुनार ने रानी का मुकुट जुड़ा दिया।
9. सुमन ने मुख पर कुमकुम लगाया।
10. चुहिया की पुकार सुन चूहा आया।
11. फुलवारी में गुलाब के फूल थे।
12. यह रुमाल गुनगुन का है।
13. हाथ लगाते ही छुई-मुई मुरझा गई।
14. उसने दुकान से गुड़ खरीदा।
15. मुरली की धुन मधुर थी।
16. तालाब में कछुआ गुमसुम बैठा था।
17. वधु की चुनरी लाल थी।
18. गुनगुना पानी सुराही में डाल।
19. ऋषि मुनि कुटिया में रहते हैं।
20. चतुर लुहार ने मुरली बनाई।
‘उ’ की मात्रा के आधिक्य वाली कहानी-
गुनगुन के पास तीन गुड़िया थी। उनका नाम कुमकुम, बुलबुल और छुई-मुई था। कुमकुम के पास बड़े जुराब थे। बुलबुल चुनरी डाले रहती थी। चुनरी पर गुलाब के फूल बने थे। छुई-मुई के सिर पर मुकुट था। गुनगुन सभी को सजाती – संवारती थी। गुनगुन गुड़िया को मधुर गीत भी सुनाती थी। वह उन्हें साबुन से नहलाती थी। रुमाल से उनके बदन को सुखाती थी। एक दिन चुहिया ने कुमकुम की जुराब कुतर दी। गुनगुन ने सुमन दीदी को जुराब दिखाई। सुमन दीदी ने सुई-धागे से जुराब सिल दिया। गुनगुन खुश होकर गुड़िया से खेलने लगी।
‘उ’ की मात्रा की वर्कशीट
इस लेख में ‘उ’ की मात्रा की वर्कशीट प्रस्तुत की जा रही है। जो ‘उ’ की मात्रा को विभिन्न गतिविधियों से समझाने में सक्षम है। इस वर्कशीट में कुछ सीमित लेकिन उपयोगी और अधिक प्रयोग होने वाले शब्दों के साथ अलग – अलग प्रकार से उ की मात्रा का प्रयोग किया गया है। कुछ जगह पर अभिभावक और शिक्षकों के लिए स्वतंत्र और तत्काल परीक्षण के लिए भी जगह दी गई है। जिसे शिक्षक और अभिभावक अपने अनुसार बदल सकते हैं।
‘उ’ की मात्रा की वर्कशीट में –
• ‘उ’ की मात्रा की पहचान तथा उच्चारण के लिए प्रयुक्त स्थान
• ‘उ’ की मात्रा लगाना,
• ‘उ’ की मात्रा के शब्द बनाना,
• ‘उ’ की मात्रा वाले तुकांत शब्द बनाना,
• ‘उ’ की मात्रा की शब्द पहेली,
• ‘उ’ की मात्रा के शब्दों को छांटना,
• ‘उ’ की मात्रा वाले शब्दों के नाम चित्र देखकर लिखना ,
• ‘उ’ की मात्रा के वाक्य,
• ‘उ’ की मात्रा की कहानी और उस पर संभावित प्रश्न उत्तर,
• सभी शीट पर रंग भरने कार्य
Download PDF here part-1
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Worksheet में परिवेश में उपलब्ध कुछ आसान शब्दों पर बार – बार अलग तरीके से जोर दिया गया है। जो की मात्रा के प्रयोग और उच्चारण का अधिक अवसर प्रदान करता है। कुछ शब्दों की सरंचना से बच्चा मिलते जुलते अधिक शब्दों का निर्माण करने का प्रयास करेगा। शिक्षक व अभिभावकों से अपेक्षा है, कि वर्कशीट को हल करने में अपना सार्थक सहयोग दें। ताकि बच्चा जल्द से जल्द ‘उ’ की मात्रा में निपुण हो जाए।
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Thank for complements..