Unseen Passage in Hindi अपठित गद्यांश कक्षा के लिए
WORKCEET प्रस्तुत करता है – 10 कहानी और लेख पर आधारित अपठित गद्यांश (Apathith Gadyansh) जिसकी PDF आप पोस्ट के आखिर में दिए लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं । अपठित गद्यांश दो भागों में विभाजित है –
अपठित गद्यांश (Apathith Gadyansh) हिंदी भाषा की शिक्षण प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों की पाठ को समझने की क्षमता, तर्क शक्ति, और व्यावहारिक सोच को विकसित करना है। अपठित गद्यांश वह अंश होता है जो पाठ्यपुस्तक में शामिल नहीं होता और छात्रों को इसे बिना पूर्व तैयारी के पढ़ना और समझना होता है। इसके साथ दिए गए प्रश्न छात्रों की समझ, विश्लेषण और निष्कर्ष निकालने की योग्यता को परखते हैं।
The PDF link is provided at last
Apathith Gadyansh की उपयोगिता
1. भाषा ज्ञान का विकास: apathith Gadyansh पढ़ने से छात्रों की भाषा पर पकड़ मजबूत होती है। वे नए शब्द, मुहावरे और व्याकरणिक संरचनाओं को समझते हैं।
2. समझने की क्षमता का परीक्षण: यह छात्रों की पढ़ी गई सामग्री को समझने, उसका अर्थ निकालने और सटीक उत्तर देने की योग्यता को परखता है।
3. तर्कशक्ति और विश्लेषण: Gandhyansh से जुड़े प्रश्नों का उत्तर देने के लिए छात्रों को पाठ के मुख्य विचार और विवरणों का विश्लेषण करना होता है, जिससे उनकी तर्कशक्ति और विश्लेषणात्मक क्षमता बढ़ती है।
4. पढ़ाई में आत्मनिर्भरता: यह छात्रों को बिना किसी बाहरी सहायता के सामग्री को पढ़ने और समझने की क्षमता प्रदान करता है।
5. परीक्षा की तैयारी: स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में Apathith Gadyansh का प्रश्न अनिवार्य रूप से शामिल होता है। इससे छात्रों को परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने में मदद मिलती है।
6. मनोवैज्ञानिक लाभ: गद्यांश पढ़ने से छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ता है क्योंकि वे अपने ज्ञान और समझ का उपयोग करके उत्तर देते हैं।
6. अपठित गद्यांश (Apathith Gadyansh ) – ईमानदारी
इरफ़ान अपने दोस्त साहिल के साथ दुकान पर गया। उसे अपने लिए एक कॉपी खरीदनी थी। दुकान पर बड़ी भी थी। दुकानदार ने उसे 30 रुपये की कॉपी दी। इरफ़ान ने दुकानदार को 50 रुपए दिए। दुकानदार ने इरफ़ान को 70 रुपए लौटाए । इरफ़ान थोड़ा सकपका गया। दुकानदार सामान बेचने में लगा था।
इरफ़ान ने दुकान से बाहर आकर साहिल से ये बात बताई। साहिल ने खुश होकर कहा अरे वाह आज तो मज़ा आ गया। दुकानदार को लगा होगा तूने उसे 100 रुपए दिए। चल इन पैसों से कुछ खा लेते हैं। लेकिन इरफ़ान को अच्छा नहीं लग रहा था। उसने साहिल को कहा हमें किसी की मेहनत के पैसे गलती से भी नहीं रखने चाहिए । साहिल ने कहा अब क्या करें ?
इरफ़ान साहिल को लेकर वापस सीधे दुकान में गया। उसने दुकानदार को हिसाब समझाया और पैसे लौटा दिए । दुकानदार बड़ा ही खुश हुआ उसने उन दोनों को एक-एक पेंसिल ईनाम में दी। दोनों दोस्त बड़े खुश होकर घर को लौटे।
कहानी को पढ़कर निम्न प्रश्नों के उत्तर लिखें-
प्रश्न 1 – इरफ़ान क्या खरीदने दुकान में गया ?
उत्तर –
प्रश्न 2 – इरफ़ान ने दुकानदार को कितने रुपए दिए ?
उत्तर-
प्रश्न 3 – साहिल ने खुश होकर क्या कहा ?
उत्तर –
प्रश्न 4 – इरफ़ान को अच्छा क्यों नहीं लग रहा था ?
उत्तर –
प्रश्न 5 आपने भी कभी ऐसे ही ईमानदारी दिखाई तो उसके बारे में लिखें ?
उत्तर –
7. अपठित गद्यांश (Apathith Gadyansh ) – अता पता लापता
अमन अपने परिवार के साथ मेले घूमने गया। मेले में भीड़ बहुत थी। वह अपने भाई का हाथ पकड़े हुआ था । अचानक भीड़ की वजह से उसका हाथ छूट गया। वह घबरा गया।
उसने आगे जाकर देखा तो उसे कोई नहीं मिला। उसके परिवार वाले उसे ढूंढने पीछे चले गए। अमन को अब कुछ समझ में नहीं आ रहा था। वह जोर-जोर से मम्मी मम्मी पुकारने लगा। लेकिन मेले में शोर बहुत ज्यादा था। तभी उसकी नजर एक पुलिसकर्मी पर पड़ी। उसने हिम्मत जुटा कर उन्हें पूरी बात बताई।
पुलिसकर्मी ने अमन से उनके परिवारवालों का फ़ोन नंबर पूछा तो, अमन को किसी का भी नंबर याद नहीं था । पुलिसकर्मी ने उसे घर का पता पूछा तो, अमन को वो भी ढंग से याद नहीं था। तब पुलिसकर्मी ने अमन को समझाया कि, देखो अगर आपको अपनी ये जानकारियां पता होती तो हम आपको, परिवार से जल्द मिला देते। लेकिन अब थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा ।
यह कहकर वह अमन को मेले के कैंप में ले गए। जहां से उन्होंने लाउडस्पीकर पर अमन के घर वालों के लिए संदेश भेजा। थोड़ी देर इंतजार के बाद अमन के घरवाले वहां आ गए और अमन से खुशी से से लिपट गए।
कहानी को पढ़कर निम्न प्रश्नों के उत्तर लिखें –
प्रश्न 1 – अमन अपने परिवार के साथ घूमने कहां गया ?
उत्तर –
प्रश्न 2 – अमन ने किसका हाथ पकड़ा हुआ था ?
उत्तर-
प्रश्न 3 अमन ने किससे मदद माँगी ?
उत्तर –
प्रश्न 4 – अमन को किन बातों की जानकारियां नहीं थी ?
उत्तर –
प्रश्न 5 आप अपने घर का पता और माता पिता के मोबाइल नंबर लिखें ।
रिया को चॉकलेट बहुत पसंद थी। एक दिन वह अपने दोस्तों के साथ गली में खेल रही थी। तभी एक आदमी कार में आया। उसने सभी बच्चों से पूछा कि चॉकलेट किसे पसंद है ?
सभी ने हाँ कहा। उसने कहा आ जाओ मेरी गाड़ी में बहुत चॉकलेट है। तो रिया के अलावा कोई भी नहीं गया । रिया जैसे ही गाड़ी में गई तो उसने कहा अंकल कहाँ है चॉकलेट ?
उसने कहा वो तो उसके घर पर है। रिया ने जाने से मना किया तो, उसने जल्दी से दरवाज़ा बंद कर दिया और गाड़ी स्टार्ट की। रिया ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी। उसकी आवाज़ सुनकर उनके पड़ोसी अंकल आ गए। उन्होंने गाड़ी रोककर उससे पूछताछ की। तब पता चला वह चोर था। सबने मिलकर उसे पुलिस के हवाले कर दिया।
कहानी को पढ़कर निम्न प्रश्नों के उत्तर लिखें
प्रश्न 1 – रिया को क्या पसंद थी ?
उत्तर –
प्रश्न 2 – कार से उतरे आदमी ने बच्चों से क्या पूछा ?
उत्तर-
प्रश्न 3 जब रिया ने जाने से मना किया तो उस आदमी ने क्या किया ?
मोनू 10 साल का था। मोनू को डांस बहुत पसंद था। वह अपने स्कूल में डांस में अव्वल था। लेकिन वह अपने कमरे को गंदा बनाके रखता था। हर जगह कपड़े और खिलौने बिखेर देता था। उन्हें सही जगह पर नहीं रखता था। मम्मी के बार बार कहने पर भी वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आता था।
एक बार उसके स्कूल में डांस प्रतियोगिता थी। मोनू बहुत उत्साहित था। वह प्रतियोगिता के दिन सुबह उठ गया। जल्दी-जल्दी नहाया और तौलिया नीचे फर्श पर फेंक दिया। तैयार होकर जैसे ही वह बाहर की तरफ जाने लगा। तौलिए में उसका पैर उलझ गया और वह फर्श पर जोर से गिर पड़ा। उसके कंधे में चोट लगी थी। वह दर्द से चिल्लाने लगा। उसके घरवाले दौड़े दौड़े आए और उसे क्लीनिक पर ले गए।
डॉक्टर ने बताया कि कंधे की हड्डी खिसक गई है, प्लास्टर करना पड़ेगा। मोनू अब प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकता था । मोनू को अपनी आदत पर बड़ा अफ़सोस हुआ। उस दिन के बाद मोनू हर सामान प्रयोग करने के बाद सही जगह पर रखने लगा ।
मीना कक्षा 5 में पढ़ती थी। वह कक्षा में प्रथम आती थी। उसे इस बात का बड़ा घमंड था। वह छोटी छोटी बातों की शिकायत मैडम से करके बच्चों को मार खिलाती थी। उसे यह सब करने में बड़ा मज़ा आता था।
केवल दीपक था, जिसकी ड्राइंग में उससे ज्यादा नंबर आते थे। दीपक, मीना के पड़ोस में ही रहता था। वह दीपक से चिढ़ती थी। एक बार ड्राइंग प्रतियोगिता थी। दीपक उसके बगल में ही बैठ कर चित्र बना रहा था, उसकी ड्राइंग मीना से अच्छी बनी थी। मीना यह देख कर चिढ़ गई उसने गिरने का बहाना किया और दीपक की ड्राइंग में रंग गिरा दिए। दीपक को बहुत बुरा लगा, लेकिन मीना ने उसे सॉरी बोल दिया। दीपक ने उसे माफ कर दिया ।
अगले दिन मीना अचानक घर की सीढ़ियों से गिर पड़ी और उसकी टांग की हड्डी टूट गई। डॉक्टर ने पूरे 1 महीने के लिए उसे स्कूल न जाने को कहा। दीपक उसका हाल जानने घर पर आया और उससे अच्छे से बात की। मीना ने उससे कहा 1 महीने बाद तो परीक्षाएं भी हैं, मैं कैसे कर के पास हो पाऊँगी? दीपक ने कहा, चिंता मत करो मैं तुम्हें स्कूल का सारा काम बता दिया करूंगा ।
यह सुनते ही मीना को अपनी हरक़त पर बड़ा बुरा लगा। मीना रोने लगी और उसने ड्राइंग वाली बात सच सच दीपक को बता दी। दीपक ने कहा, कोई बात नहीं अब आप ऐसा किसी और से मत करना। दीपक ने मीना की मदद की और इस बार भी मीना प्रथम आई। अब मीना सारे बच्चों से मिलजुल कर खुश रहने लगी ।
कहानी को पढ़कर निम्न प्रश्नों के उत्तर लिखें –
प्रश्न 1 – मीना कौन सी कक्षा में पढ़ती थी ?
उत्तर –
प्रश्न 2 – ड्राइंग में किसके ज्यादा नंबर आते थे ?
उत्तर-
प्रश्न 3 – मीना की टांग कैसे टूटी ?
उत्तर –
प्रश्न 4 – मीना ने दीपक को क्या सच बताया ?
उत्तर –
प्रश्न 5 – इस घटना के बाद मीना ने बच्चों से कैसे व्यवहार किया होगा ?
अपठित गद्यांश का अभ्यास छात्रों की भाषा कौशल, समझने की क्षमता और तर्कशक्ति को विकसित करने का एक प्रभावी माध्यम है। यह न केवल उनकी शिक्षा में सहायक होता है, बल्कि उन्हें व्यावहारिक जीवन में भी एक समझदार और सुसंस्कृत व्यक्ति बनने में मदद करता है। नियमित अभ्यास से यह कौशल और बेहतर होता है
Our efforts get better with your experiences. So definitely give your valuable comments. It helps to keep us creative and upbeat. Follow us on Facebook, Instagram, Pinterest and Twitter. Share!